नागपुर हिंसा: औरंगज़ेब की कब्र को लेकर बवाल, कर्फ्यू लगातार दूसरे दिन जारी

 

नागपुर में औरंगज़ेब की कब्र को लेकर हुए विरोध और हिंसा के बाद हालात अब भी तनावपूर्ण बने हुए हैं। शहर के 10 थाना क्षेत्रों में लगातार दूसरे दिन कर्फ्यू लागू है। पुलिस ने अब तक 50 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया है। इस बीच, महाराष्ट्र के डीजीपी रश्मि शुक्ला ने सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों (SP) को निर्देश दिए हैं कि किसी भी छोटे विवाद को गंभीरता से लिया जाए और समय रहते हालात को काबू में किया जाए। उन्होंने पुलिस को सड़कों पर अधिक संख्या में तैनात रहने और उचित बंदोबस्त करने के निर्देश भी दिए हैं।

हिंसा की वजह क्या थी?



विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने सोमवार को विभिन्न सरकारी कार्यालयों में विरोध प्रदर्शन किया और औरंगज़ेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को संबोधित इस ज्ञापन में वीएचपी ने आरोप लगाया कि औरंगज़ेब ने सिख गुरु गोबिंद सिंह के दो बेटों की हत्या करवाई थी क्योंकि उन्होंने इस्लाम धर्म स्वीकार करने से इनकार कर दिया था। इसके अलावा, उन्होंने मराठा योद्धा छत्रपति संभाजी महाराज को भी यातनाएं देकर मारा और काशी, मथुरा और सोमनाथ के मंदिरों को ध्वस्त किया।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री फडणवीस का बयान

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस हिंसा को सुनियोजित करार दिया और कहा कि हाल ही में रिलीज़ हुई फिल्म "छावा" की वजह से औरंगज़ेब के अत्याचारों को लेकर जनता में भावनाएं भड़क उठी हैं। उन्होंने कहा कि सरकार औरंगज़ेब की कब्र को संरक्षित रखने के लिए बाध्य है क्योंकि यह एक संरक्षित स्थल है, लेकिन सरकार इसके "महिमा मंडन" की किसी भी कोशिश को सफल नहीं होने देगी।

फिलहाल, नागपुर में पुलिस की कड़ी निगरानी जारी है और प्रशासन स्थिति को सामान्य करने की कोशिश कर रहा है।

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