अकोला शहर में जल संकट गहराया: नागरिक त्रस्त, प्रशासन मौन

अकोला: शहर में बीते कई दिनों से जारी जल संकट ने नागरिकों का जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। बिना जल के जीवन की कल्पना भी कठिन है, और यह कठिनाई अब शहरवासियों की रोज़मर्रा की ज़िंदगी में साफ़ झलक रही है।

तकनीकी कारणों के चलते अकोला महानगर में पीने के पानी की आपूर्ति बाधित हो गई है, जिससे शहर के कई इलाकों में पानी की भारी किल्लत देखी जा रही है। आम खबर न्यूज़ की टीम जब विभिन्न क्षेत्रों में पहुंची, तो पाया कि कई सरकारी बोरवेल्स भी बंद पड़ी हैं। इससे नागरिकों की परेशानी और भी बढ़ गई है।

जिन घरों में निजी बोरिंग की सुविधा है, वहां के लोगों को इस संकट का खास असर नहीं हुआ है, लेकिन जिनके पास यह विकल्प नहीं है, उन्हें रोज़ पानी के लिए जूझना पड़ रहा है। महिलाओं और बुजुर्गों को कई बार दूर-दराज के इलाकों से पानी लाना पड़ रहा है।


जल विभाग का रवैया सवालों के घेरे में

जब आम खबर न्यूज़ के संवाददाता ने जल विभाग के पानी पुरवठा अधिकारी से एक प्रभावित इलाके में पानी का टैंकर भेजने की मांग की, तो उन्होंने कहा:

"शहर में इस समय केवल दो पानी के टैंकर उपलब्ध हैं। अगर हम किसी एक क्षेत्र में टैंकर भेजते हैं, तो बाकी इलाकों में लोग आपस में झगड़े करने लगते हैं। पूरे शहर में ही पानी की समस्या है, इसलिए हम हर एक मांग पर टैंकर भेजना संभव नहीं है।"

                                                                                             ( मनपा पानी पुरवठा अधिकारी )

अधिकारी के इस बयान से साफ़ है कि प्रशासन के पास न तो पर्याप्त संसाधन हैं और न ही व्यवस्थित योजना, जिससे इस संकट का समाधान निकाला जा सके। यह रवैया नागरिकों की परेशानी को और भी बढ़ा रहा है।


नागरिकों की मांगें

शहरवासियों ने नगर प्रशासन से मांग की है कि:

  • जल आपूर्ति व्यवस्था को तत्काल सुधारा जाए।

  • टैंकरों की संख्या बढ़ाई जाए।

  • सभी सरकारी बोरिंग्स की मरम्मत तुरंत की जाए।

  • प्रभावित इलाकों को प्राथमिकता के आधार पर राहत पहुंचाई जाए।


आम खबर न्यूज़ आपसे अपील करता है कि इस गंभीर जल संकट को नजरअंदाज न किया जाए। नगर प्रशासन को चाहिए कि वह ठोस और त्वरित कदम उठाए, क्योंकि "जल है तो जीवन है।"

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