बस स्टैंड पर गूंजा 'आतंकवाद मुर्दाबाद', जन सत्याग्रह संगठन ने फूंका आतंकवाद का पुतला


 पहलगाम आतंकी हमले के खिलाफ उठी जनता की आवाज, सरकार से शहीदों को सम्मान और परिवारों को सहायता देने की मांग


अकोला

कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की हत्या से देशभर में गुस्सा है। इसी कड़ी में जन सत्याग्रह संगठन ने आज बस स्टैंड चौक पर आतंकवाद के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन करते हुए आतंकवाद का पुतला दहन किया।


प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं ने "आतंकवाद मुर्दाबाद", "शहीदों को न्याय दो", और "सरकार जवाब दो" जैसे नारे लगाए। संगठन ने हमले में मारे गए लोगों के परिजनों को उचित मुआवजा और उनके परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की।


सुरक्षा पर सवाल: आखिर आतंकवादी कैसे घुस आए?

संगठन ने सरकार से पूछा कि देश के इतने संवेदनशील क्षेत्र में आतंकवादी दाखिल होकर इतने लोगों की हत्या कर देते हैं और फिर सुरक्षित भाग जाते हैं — न कोई मारा जाता है, न पकड़ा जाता है। यह चूक नहीं, बल्कि गंभीर लापरवाही है, जिसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए।


'आतंकवाद का कोई धर्म नहीं' – इस्लाम को बदनाम करने वालों को दिया जवाब

प्रदर्शन में संगठन ने कड़े शब्दों में कहा कि आतंकवाद का किसी धर्म से कोई लेना-देना नहीं होता। कुछ लोग इसे इस्लाम धर्म से जोड़कर नफरत फैलाना चाहते हैं, जो कि निंदनीय है। इस्लाम अमन, भाईचारे और इंसानियत का पैगाम देने वाला धर्म है।


प्रमुख लोगों की उपस्थिति

आंदोलन का नेतृत्व आसिफ अहमद खान ने किया। उनके साथ फिरोज खान, जावेद पठान, हाफ़िज़ नाज़िम, मोहम्मद रिज़वान, शेख आसिफ, महमूद पठान, उमर फारुक, शोएब रज़ा, नोमान खान, मुजाहिद खान, शेख करीम कुरैशी, शेख शाहिद कुरैशी, मोहम्मद असलम और अन्य कार्यकर्ता बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

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