इमरान प्रतापगढ़ी बोले - ‘ध्यान भटकाने के लिए लाया गया वक्फ बिल’



नई दिल्ली/वॉशिंगटन, 3 अप्रैल 2025 – अमेरिका ने भारत से आयात होने वाले उत्पादों पर 26% टैरिफ लगा दिया है। यह निर्णय अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नई व्यापार नीति के तहत लिया गया है। इस फैसले से भारत-अमेरिका व्यापारिक रिश्तों में तनाव बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।


अमेरिकी सरकार का पक्ष


अमेरिकी प्रशासन का कहना है कि भारत अमेरिकी उत्पादों पर अधिक टैक्स लगाता रहा है, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार असंतुलित हो गया है। ट्रंप ने कहा, “हमने हमेशा भारत को व्यापार में प्राथमिकता दी है, लेकिन अब हमें उचित संतुलन बनाना होगा। भारत के कई उत्पादों को हमने बिना शुल्क के स्वीकार किया, लेकिन बदले में हमें भारी टैक्स देना पड़ा। यह अब नहीं चलेगा।”


किन उत्पादों पर पड़ेगा असर?


टैरिफ से इलेक्ट्रॉनिक्स, आभूषण, कपड़ा, स्टील और ऑटो पार्ट्स जैसे प्रमुख भारतीय निर्यात प्रभावित होंगे। विशेषज्ञों के अनुसार, इस फैसले से भारतीय निर्यातकों की लागत बढ़ेगी और अमेरिका में भारतीय सामान महंगा हो सकता है। हालांकि, फार्मास्युटिकल और आईटी सेवाओं को इस टैरिफ से छूट दी गई है।


इमरान प्रतापगढ़ी का आरोप – ‘ध्यान भटकाने की साजिश’


राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार ने अमेरिकी टैरिफ के मुद्दे से जनता का ध्यान भटकाने के लिए वक्फ (संशोधन) विधेयक पेश किया है। उन्होंने कहा, “संसद रात 2 बजे तक चली, और उसी दौरान 1:30 बजे अमेरिका ने 26% टैरिफ लगाया। देश, विशेषकर भाजपा के मतदाताओं, को समझना चाहिए कि यह वक्फ (संशोधन) विधेयक लोगों का ध्यान टैरिफ के मुद्दे से हटाने के लिए पूर्व-नियोजित था।”


प्रतापगढ़ी के अनुसार, सरकार अमेरिकी टैरिफ के प्रभावों पर चर्चा करने के बजाय वक्फ विधेयक पर जोर दे रही है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय थाईलैंड की यात्रा पर हैं, जबकि देश को टैरिफ के मुद्दे पर सरकार की प्रतिक्रिया का इंतजार है।


भारत की प्रतिक्रिया


भारत सरकार ने इस फैसले पर चिंता जताते हुए कहा कि वह अमेरिका से वार्ता के जरिए समाधान निकालने का प्रयास करेगी। भारतीय वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, “हम अमेरिका के साथ आर्थिक संबंध मजबूत बनाए रखना चाहते हैं। टैरिफ का असर हमारे व्यापार पर पड़ेगा, इसलिए हम जल्द ही बातचीत करेंगे।”


भारतीय बाजार पर असर


अमेरिकी फैसले के बाद भारतीय शेयर बाजार में गिरावट देखी गई, और रुपया डॉलर के मुकाबले कमजोर हुआ। प्रमुख औद्योगिक संघों ने सरकार से अपील की है कि वह अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता तेज करे।


क्या होगा आगे?


अमेरिका और भारत के बीच आगामी व्यापार वार्ता में इस टैरिफ को कम करने या हटाने पर चर्चा हो सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर दोनों देश समझौते पर नहीं पहुंचे, तो यह व्यापारिक संघर्ष और गहरा सकता है।


Next Post Previous Post
No Comment
Add Comment
comment url