वक्फ मुद्दे में सड़क नहीं, संविधान का रास्ता अपनाएंगे-मौलाना मदनी


 आम खबर | 8 अप्रैल 2025
मौलाना अरशद मदनी ने वक़्फ़ एक्ट 2025 को सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती, बोले – ‘सड़क नहीं, संविधान का रास्ता अपनाएंगे’

नई दिल्ली:
देश के प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीअत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए वक़्फ़ संशोधन अधिनियम 2025 के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया है। उनका कहना है कि ये कानून मुस्लिम समुदाय के धार्मिक और कानूनी अधिकारों पर सीधा हमला है।

मौलाना मदनी ने साफ कहा, “हम इस मुद्दे पर सड़क पर उतरने के पक्ष में नहीं हैं। हम संविधान और क़ानून में विश्वास रखते हैं। न्याय के लिए सुप्रीम कोर्ट ही सबसे बड़ा मंच है।”

क्या है वक़्फ़ एक्ट 2025?

सरकार ने हाल ही में वक़्फ़ एक्ट में कई अहम बदलाव किए हैं। इन बदलावों से वक़्फ़ की ज़मीनों और संपत्तियों के अधिकारों में सरकार का दखल बढ़ सकता है। मुस्लिम समाज का कहना है कि इससे उनकी धार्मिक आज़ादी और संपत्ति के मौलिक अधिकार प्रभावित होंगे।

सुप्रीम कोर्ट में क्या कहा गया?

मौलाना मदनी ने कोर्ट में याचिका दायर करते हुए कहा कि यह अधिनियम संविधान के अनुच्छेद 25, 26 और 29 का उल्लंघन करता है, जो हर नागरिक को धार्मिक स्वतंत्रता और अल्पसंख्यकों को अपनी संस्कृति बचाने का अधिकार देता है।

विरोध नहीं, इंसाफ चाहिए:

मदनी ने मुसलमानों से अपील की है कि किसी भी तरह का विरोध प्रदर्शन न करें। उन्होंने कहा कि “हमें किसी सड़क पर नारे लगाने की ज़रूरत नहीं, हमें संविधान पर भरोसा है। हम शांतिपूर्वक कानूनी लड़ाई लड़ेंगे।”


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आम खबर की राय:
मौलाना मदनी का यह रुख वक़्फ़ विवाद को एक नई दिशा में ले जाता है। अब सभी की निगाहें सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिकी हैं।

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